Aavaragi 2

Posted Jan 19th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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उधर श्वेता ने उनके लिंग को फिर लोहे की गर्म रॉड की शक्ल दे दी थी और अब स्वयं ही अपनी योनि उस पर टिका कर धीरे धीरे धक्के देने लगी थी। लिंग-मुंड के उसकी योनि में प्रवेश करते ही वह सिसक उठी- उफ….माई डीयर………डबराल ! ….. उफ ………… ! कम आन रजनी ! तू इधर आकर मेरे स्तनों को संभाल… ज़रा ! डबराल यार को दूसरा काम करने दे…. श्वेता ने मुझसे कहा। मैंने तुंरत उसके स्तनों को अपनी हथेलियों में संभाला और उसके अधरों का रसपान करने लगी, डबराल सर की मशीन आन हो गई थी, कमरे में अब श्वेता की कामुक चीखें गूंजने लगी थी। मैंने देखा कि श्वेता की योनि में डबराल सर का लिंग आसानी से आगे पीछे हो रहा था लेकिन फिर भी लिंग की मोटाई के आगे उसकी योनि भी एक तंग सुरंग थी।..

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