Amerika Me Pranay Ankur

Posted Jan 19th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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हम फ़िर डिज्नी लैंड के मुख्य पार्क में आ गए, शाम ढल चुकी थी। दोनों थक गए थे। पर मालती को इलेक्ट्रिक परेड देखना था। मैंने भी सोचा, चलो, इतनी महँगी टिकट ली है तो वह भी देखा जाए, उसके लिए समय था। मैं रात के लिए योजना बना रहा था। काश ! किसी तरह मालती तैयार हो जाए !”क्या सोच रहे हो?” मालती ने कहा,” मुझे डिज्नी की यादगार चाहिए ! मुझे एक पेनी और दो क्वाटर दो।” वह एक मशीन के पास खड़ी थी जिसमें एक पेनी और दो क्वार्टर डालने पर वह पेनी को चपटा करके डिज्नी के किसी चरित्र का चेहरा छाप देती थी।मैंने हाथ ऊपर कर लिए,”पैन्ट से निकाल लो !””दो ना !” वह बोली। “अरे बाबा, निकाल लो ना !” मैंने कहा। उसने जेब में हाथ डालकर टटोला। उसकी उंगलियाँ लिंग से टकराई, लिंग ने अंगडाई ली और वह लाल भभूका हुई।..

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