Angoor Ka Dana 7

Posted Jan 19th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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“अम्मा बापू का चूसती क्यों नहीं। अनार दीदी बता रही थी कि वो तो बड़े मजा ले ले कर चूसती है। वो तो यह भी कह रही थी कि मधुर दीदी भी कई बार आपका …. ?” कहते कहते अंगूर रुक गई। मैं भी कितना उल्लू हूँ। इतना अच्छा मौका हाथ में आ रहा है और मैं पागलों की तरह ऊलूल जुलूल सवाल पूछे जा रहा हूँ। ओह … मेरे प्यारे पाठको ! आप भी नहीं समझे ना ? मैं जानता हूँ मेरी पाठिकाएं जरूर मेरी बात को समझ समझ कर हँस रही होंगी। हाँ दोस्तो, कितना बढ़िया मौका था मेरे पास अंगूर को अपने लंड का अमृतपान करवाने का। मैं जानता था कि मुझे बस थोड़ी सी इस अमृतपान कला की तारीफ़ करनी थी और वो इसे चूसने के लिए झट से तैयार हो जाएगी। मैंने उसे बताना शुरू किया।..

One Response to “Angoor Ka Dana 7”

  1. nishkish Says:

    woow what a story

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