उस दिन जाने के बाद शाम को तनवी का फोन आया.. काफी देर तक हम दोनों बाते करते रहे.. मैंने कहा- तनवी, मुझे तुम्हारे कोमल-कोमल गाल, कोमल-कोमल होंठ, बड़ी-बड़ी आँखें जो हल्का सा काज़ल लगने के बाद इतनी कातिलाना हो जाती है कि किसी का भी खून हो जाए.. देखो मेरा कर दिया ना !! तो वो शरमा गई और बोली- इतनी भी खूबसूरत नहीं हूँ.. मुझे उसकी यह बात बहुत अच्छी लगी.. इतनी बला की खूबसूरत होने के बाद भी उसमें फालतू वाले नखरे नहीं थे.. फिर मैंने उससे कहा- कल थोड़ा जल्दी आ जाना, कल ज्यादा पढ़ाई करनी है..तो वो बोली- नहीं आउंगी तो मैं समय पर ही ! क्योंकि कालेज से जल्दी वापस नहीं आ पाउंगी और फिर घर आकर एकदम से टयूशन तो नहीं आ सकती ना ! मम्मी का हाथ भी बटाना होता है ना थोड़ा घर के कामों में.. इसीलिए समझे मेरे प्यारे अन्नू !..
You must be logged in to post a comment.
September 7th, 2011 at 1:42 pm
Link not working, please check