Dost Dost Na Raha

Posted Jan 20th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा और रसोई ले रखी थी। खुद ही पका कर खाता था। नौकरी की तलाश चल रही थी। मेरा एक दोस्त था कबीर। उम्र मेरे जितनी ही थी चौबीस साल। वो अपनी माँ के साथ मेरे बगल वाले कमरे में रहता था। उसके पास भी एक कमरा और रसोई ही थे। उसकी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगी हुई थी और वो मेरी नौकरी के लिए भी मेरे साथ था। मुझे दिल्ली आये तीन महीने हो चुके थे और पर नौकरी थी कि मिल ही नहीं रही थी। मैं अक्सर इस बात के लिए परेशान रहता..

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