Holi Ke Bahane 2

Posted Jan 21st, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
Please sign in or create a free account to download this audio file

होली के बहाने का पहला भाग आपने पढ़ा, अब आगे लिखने जा रहा हूँ ! वो बोला- कभी चुसवाया नहीं था इसलिए जल्दी छूट गया ! उसने मुझे कस कर अपने जिस्म से चिपका लिया। कोई बात नहीं ! खड़ा करना आता है मुझे ! कुछ पल हम वैसे ही लेटे रहे, वो मेरे चुचूक चुटकी से मसलने लगा। मैं पहले ही गर्म था, दोस्तो क्या मजा आ रहा था लेकिन अभी जिसके लिए में उसके पास आया था मेरा वो मकसद नहीं पूरा हुआ था, मतलब अभी मेरी प्यासी गांड की, हाँ प्यासी गांड की प्यास कहाँ बुझी थी ! लेकिन मुझे उसके लौड़े से पूरी उम्मीद थी वो दोबारा खड़ा होगा।
दोस्तो, मैं ऐसे लोगों से गांड इसलिए मरवाता हूँ कि ये किसी से कहते नहीं, मजदूरी करते हैं तो शरीर सख्त होते हैं, बिना किसी पावर दवाई के इनके लौड़े अपने दम पर खड़े होते हैं।..

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.