यश और समीर दोस्त हैं। यश अपनी बहन के साथ समीर के गाँव गया है वहाँ समीर की छोटी बहन पूर्वी उन से मिलती है समीर पद्मा नाम की नौकरानी को अक्सर चोदता आया है यश भी पद्मा को चोदना चाहता है दीवाली के दिन होने से समीर की माताज़ी ने महेमान घर की सफ़ाई का काम निकाला है महेमान घर गाँव से बाहर है पूर्वी पद्मा के साथ वहाँ गयी है। समीर और यश महेमान घर जा पहुँचते हें और पूर्वी को चाय नाश्ता लेने बड़े घर भेज देते हें। पद्मा अकेली रह जाती है दोनो दोस्त एक साथ पद्मा को चोदते हें। चुदाई चालू है आगे पढ़ी ये ——– समीर पद्मा के सर के पास बैठ गया और अपना लंड उस के मुँह में धर दिया। पद्मा को अपना मुँह पूरा खोलना पड़ा समीर का मोटा लंड अंदर लेने के लिए इधर मैने उसकी जांघें फैला के लंड भोस पर टिका दिया और एक धक्के से सारा का सारा लंड चूत में घुसेड़ दिया। उधर अपने हिप्स हिला कर समीर पद्मा का मुँह चोदने लगा तो मैं धीरे धक्के से उस की टाइट चूत चोदने लगा। पद्मा के मुँह से उन न न न न आवाज़ आने लगी और उसके चुतड़ घूम ने लगे। थोड़ी ही देर में उसकी चूत ने फटाके मारने शुरू किया। मैने लंड को पूरा बाहर निकल कर क्लाइटोरिस पर रगडा। अचानक पद्मा का बदन अकड़ गया और रोएँ खड़े हो गये मैने झट से लंड चूत में डाला और तेज़ रफ़्तार से चोदने लगा। पद्मा की चूत ने सिकोड़ कर मेरा लंड निचोड़ लिया। जब उस का ओर्गेज़्म शांत हुआ तब हमने लंड निकाले। दोनो लंड कड़े ही थे क्योंकि हममें से कोई झड़ा नहीं था।…
Note: Part 1
You must be logged in to post a comment.