यह पत्र रूपा वर्मा ने कामिनी सक्सेना को लिखा दोनों की एक सहेली मालिनी की समस्या के बारे में : प्रिय कामिनी, मैं रूपा वर्मा हूँ, मालिनी की रूम-मेट, मैं उसी के कॉलेज से बीएससी बायलोजी कर रही हूँ। आज काफ़ी सुबह से उठकर मालिनी नेट पर बैठी थी, मैंने उससे पूछा कि कोई परेशानी है क्या तुझे? तो फिर उसने सब बताया और आपके बारे में भी बताया। मालिनी गांव की सीधी सादी एक लड़की है जो इन्दौर आई है पढ़ने के लिये, वो देखने में भी काफ़ी अच्छी है। उसकी फ़िगर ३२ २४ ३४ होगा करीबन। यहां इन्टरनेट पर बैठ कर उसकी जवानी मचल उठी है, जिसकी वजह से उसे परेशानियाँ हो रही हैं। अब जवान लड़की की चूत है, आग तो लगेगी ही उसमें, उसका तो कोई क्या कर सकता है ! मैं उसके साथ ही सोती हूँ और मैंने उसे कई बार तड़पते हुए महसूस किया है, वो यह समझती है कि मैं सो रही हूँ। वो अकसर करवट बदल बदल कर अपनी योनि पर सलवार के ऊपर से हाथ फ़ेरती है, रज़ाई डाल लेती है ऊपर से, और कम से कम रात में ६ या ७ बार बाथ रूम जाती है।..
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