Sali Ne Gaand Mari

Posted Jan 31st, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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हाँ तो दोस्तो, वो आँख मारती हुई चली गई। दूसरे दिन उसके मम्मी पापा आ गए और अब हम लोगों को लगने लगा कि अब शायद ही हम कुछ कर पाएँ ! लेकिन अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान !शाम को वो लोग अपने दूसरे रिश्तेदार के यहाँ चले गए। मेरी बीवी भी उन्ही के साथ चली गई थी। अब मेरे घर में मैं, मेरे दादा जी और मेरी साली साहिबा ही रह गए। शाम के सात बज रहे थे, सर्दी का मौसम था, अचानक बादल गरजने लगे। साली ने खाना बना लिया था। हमारे यहाँ ऐसे मौसम में बिजली की बड़ी कटौती होती है तो दादा जी बोले- खाना जल्दी खा लो ! बिजली चली जाएगी ! और हम सबने खाना खाया ही था कि बिजली चली गई। तो दादाजी बोले- मैं जा रहा हूँ सोने के लिए ! तुम लोग भी आराम करो ! बहू तो सुबह ही आ पायेगी ! और दादाजी चले गए सोने।अब मैं और मेरी साली ही अकेले थे, साली बोली- जीजू ! आज तो अल्लाह मेहरबान है !..

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