Samdhan Ki Family Planning

Posted Mar 16th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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अगले दिन भी मुझे रात में किसी के चलने आवाज आई। चाल से मैं समझ गई थी कि ये सुरेश ही थे। वे मेरे बिस्तर के पास आकर खड़े हो गये। खिड़की से आती रोशनी में मेरा उघड़ा बदन साफ़ नजर आ रहा था। मेरा पेटिकोट जांघों से ऊपर उठा हुआ था, ब्लाऊज के दो बटन खुले हुए थे। यह सब इसलिये था कि उनके आने से पहले मैं अपनी चूचियों से खेल रही थी, अपनी योनि मल रही थी। आहट सुनते ही मैं जड़ जैसी हो गई थी। मेरे हाथ पांव सुन्न से होने लगे थे। वो धीरे से झुके और मेरे अधखुले स्तन पर हाथ रख कर सहलाया। मेरे दिल की धड़कन तेज हो उठी। बाकी के ब्लाऊज के बटन भी उन्होने खोल दिये। मेरे चुचूक कड़े हो गये थे। उन्होंने उन्हें भी धीरे से मसल दिया। मैं निश्चल सी पड़ी रही। उनका हाथ मेरे उठे हुए पेटीकोट पर आ गया और उसे उन्होंने और ऊपर कर दिया। मैं शरम से लहरा सी गई। पर निश्चल सी पड़ी रही। अंधेरे में वो मेरी चूत को देखने लगे। फिर उनका कोमल स्पर्श मेरी चूत पर होने लगा। मेरी चूत का गीलापन बाहर रिसने लगा। उसकी अंगुलियाँ मेरी योनि को गुदगुदाती रही। उसकी अंगुली अब मेरी योनि में धीरे से अन्दर प्रवेश कर गई। मैंने अपनी आँखें बन्द कर ली। एक दो बार अंगुली अन्दर बाहर हुई फिर उन्होंने अंगुली बाहर निकाल ली। कुछ देर तक तो मैं इन्तज़ार करती रही, पर फिर कोई स्पर्श नहीं हुआ। मैंने धीरे से अपनी आँखें खोली … वहाँ कोई न था !!! मैंने आँखें फ़ाड़ फ़ाड़ कर यहाँ-वहाँ देखा। सच में कोई ना था। आह … क्या सपना देखा था। नहीं … नहीं … ये पेटीकोट तो अभी तक चूत के ऊपर तक उठा हुआ है … मेरे स्तन पूरे बाहर आ गये थे … मतलब वो यहां आये थे ? अगले दिन सुरेश जी के चेहरे से ऐसा नहीं लग रहा था कि उनके द्वारा रात को कुछ किया गया था। वे हंसी मजाक करते रहे और काम से चले गये। लेकिन रात को फिर वही हुआ। वो चुप से आये और मेरे अंगों के साथ खेलने लगे। मैं वासना से भर गई थी। उनका यह खेल मेरे दिल को भाने लगा था। पर आज उन्होंने भांप लिया था कि मैं जाग रही हू और जानबूझ कर निश्चल सी पड़ी हुई हूँ। आज मैं अपने आप को प्रयत्न करके भी नहीं छुपा पा रही थी। मेरी वासना मेरी बन्धन से मुक्त होती जा रही थी। शायद मेरे तेज दिल की धड़कन और मेरी उखड़ती सांसों से उन्हें पता चल गया था।…

Part: 2

3 Responses to “Samdhan Ki Family Planning”

  1. sunil kulhari Says:

    mazaedar hai

  2. pravin Says:

    thanks for the story.

  3. robin Says:

    madarchod bakwas hai

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