आज मेरे लण्ड में वही खुजली हो रही थी … न जाने आज उसके मुंह में पानी क्यूँ रिस रहा था। मेरे घर में एक जवान लड़की काम करने आती है आज कल… माँ बीमार है ! छोटे साहब डॉक्टर ने आराम करने को कहा है … कहकर वो काम में जुट गई। घर में आज कल कोई नहीं रहता … पापा का टूरिंग चल रहा था और मम्मी मामाजी के घर में रहती थी। मेरी परीक्षा नजदीक आ रही थी इसलिए पढ़ाई की चिन्ता थी। उसका नाम सरिता था .. पास ही झोंपड़ी में रहती थी। बाबूजी ये कपड़े धोने के है? .. यह पूछ कर मेरी चड्डी उठा ली उसने ! रात में मैंने उसमें मुठ मारा था, उसका गीलापन और महक अभी भी थी। मैंने कहा- अरी रहने दे ! मैं धो लूँगा उसे ! छोड़ दे ..वो चले गई और बाकी के कपड़े धोने लगी… उसकी काली ब्रा पीछे से दिख रही थी .. उसकी मांसल जांघें और उसके उरोजों के बारे में सोचने लगा।..
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