Thoda Sa Pyar 1

Posted Feb 01st, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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जमशेदपुर की स्वर्णलता लिखती है आज वो 40 वर्ष की अधेड़ महिला है और अपने पति की मृत्यु के उपरान्त उसी कार्यालय में कार्य करती है। उसकी यह कहानी उस समय की है जब वह 26 वर्ष की थी। उनके पास उस समय एक 9 माह की लड़की भी थी। उसके पति सरकारी दफ़्तर में ड्राईवर थे, जो अक्सर अपने बड़े साहब के साथ अधिकतर यात्रा पर ही रहते थे। स्वर्णलता के शब्दों में :हम पति पत्नी एक कस्बे में बड़े से मकान में किराये पर रहते थे। हम उस बड़े मकान की रखवाली भी करते थे। हमारी माली हालत भी अच्छी नहीं थी। किसी तरह से दिन गुजर रहे थे। मेरे पति राधेश्याम बहुत कम बोलने वाले व्यक्ति थे। सेक्स में उनकी अधिक रुचि नहीं थी। उन्हीं दिनों ऑफ़िस में एक नये अधिकारी का पदस्थापन हुआ था। वे बड़े साहब के सहायक थे। उनका नाम अनिल था। नई भर्ती से आये थे, बहुत चुस्त, फ़ुर्तीले, मधुर स्वभाव के थे वो। उस समय लम्बे बालो का फ़ेशन था, उनके हल्के उड़ते हुये रेशमी बाल मुझे बहुत अच्छे लगते थे। अनिल को मेरे पति ने अपने बड़े मकान में एक हिस्सा दे दिया था।..

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