गंगा मौसी मेरी मां की सबसे छोटी बहन हैं। यूँ तो वो दिखने में सुन्दर है। वो छोटी सी उमर में ही विधवा हो गई थी। उनकी देह मुझे बहुत कामुक लगती थी। सच पूछो तो मुझे उनका सामीप्य अच्छा लगता था। मैं दिनों-दिन उनकी ओर आकर्षित होता जा रहा था। मौसी भी मेरी नजर पहचान गई थी। जब से मेरे दिल में उनके प्रति चाह उभरने लगी थी, मन में चोर था सो मैं उनसे बात करने में भी हिचकिचाने लगा था। गांव में मैं अपने मामा-मामी के यहाँ गांव में छुट्टियों में अक्सर जाता रहता था। उनके घर में जगह कम थी सो वो मुझे मेरी चाची चम्पा के घर में ठहरा देती थी। चम्पा आण्टी ने मुझे ऊपर वाला एक कमरा दे रखा था। चाचा दुबई में काम करते थे, कभी कभार छः माह में एक बार वो आ जाते थे। चम्पा आण्टी मुझे देख कर खुश हो जाया करती थी। वो मेरा बहुत ध्यान रखती थी। उनने मुझे कितनी ही बार आंखों से अश्लील इशारे भी किये पर मेरा आकर्षण तो गंगा मौसी की तरफ़ ही था। चम्पा आण्टी के अश्लील इशारों को मैं अनदेखा कर देता था, पर कब तक करता ? उनकी गिरफ़्त में मैं आ ही गया। आखिर मैं भी तो भरा पूरा जवान लड़का था। मेरा भी लण्ड जोर मारता था। एक रात तेज बरसात हो रही थी। चम्पा आण्टी को बहाना मिल गया। वो मेरे कमरे में आ गई। उन्होंने उन समय नाईट गाऊन पहना हुआ था। “बल्लू, मुझे बहुत डर लग रहा है, मैं रात को यहीं सो जाऊं?” …
Part: 1
August 5th, 2011 at 8:34 pm
sunia aur uski frnd divya..dono bakchodi kali raand hai..maa chuda k story padhti hai madarchod?